Technical but Social Discussion For our Country
kuch Extra in Life नववर्ष (2076) की पावन बेला के अवसर पर मैं अजीत सिंह अपने देश और संस्कृति के संरक्षण के लिए संदेश लेकर आया हूं इसे वही व्यक्ति पढ़ें जो देश हित और संस्कृति के लिए सोचता हो और उसे सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए संघर्ष कर सकता हो। मेरा मानना है देश धर्म से बढ़कर है पहले मैं देश हित को सर्वोपरि मानता हूं तब धर्म को धर्म के नाम पर मेरे इस संदेश को किसी भी तरह से एक तरफा ना समझा जाए मैंने हिंदी भाषा का उपयोग किया है इसका मतलब यह नहीं है कि मैं सिर्फ किसी एक धर्म समुदाय के रूप में कुछ कह रहा हूं क्योंकि मेरी भाषा अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है अतः आप सब इसे देश हित के दृष्टिकोण से ही पढ़ें। नमस्कार मैं अजीत सिंह एक बात पहले ही बता देना चाहता हूं कि जो व्यक्ति स्वहित और स्वार्थ परक जीवन जी रहा हो वह मेरी इस पोस्ट को ना पढ़ें , वर्तमान समय में 13 साल की उम्र से लेकर 50 साल की उम्र तक के नारी और पुरुष दोनों जिस तरह से परिवर्तित हो गए हैं उसे देखते हुए वह कहना सही होगा कि हम पतन की ओर जा रहे हैं किसी व्यक्ति में देश प्रेम , देश भक