Technical but Social Discussion For our Country


   
kuch Extra in Life
नववर्ष
(2076) की पावन बेला के अवसर पर मैं अजीत सिंह अपने देश और संस्कृति के संरक्षण के लिए संदेश लेकर आया हूं इसे वही व्यक्ति पढ़ें  जो देश हित और संस्कृति के लिए सोचता हो और उसे सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए संघर्ष कर सकता हो। 
    मेरा मानना है देश धर्म से बढ़कर है पहले मैं देश हित को सर्वोपरि मानता हूं तब धर्म को धर्म के नाम पर मेरे इस संदेश को किसी भी तरह से एक तरफा ना समझा जाए मैंने हिंदी भाषा का उपयोग किया है इसका मतलब यह नहीं है कि मैं सिर्फ किसी एक धर्म समुदाय के रूप में कुछ कह रहा हूं क्योंकि मेरी भाषा अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है अतः आप सब इसे देश हित के दृष्टिकोण से ही पढ़ें। 

    
      नमस्कार मैं अजीत सिंह एक बात पहले ही बता देना चाहता हूं कि जो व्यक्ति स्वहित और स्वार्थ परक जीवन जी रहा हो वह मेरी इस पोस्ट को ना पढ़ें , वर्तमान समय में 13 साल की उम्र से लेकर 50 साल की उम्र तक के नारी और पुरुष दोनों जिस तरह से परिवर्तित हो गए हैं उसे देखते हुए वह कहना सही होगा कि हम पतन की ओर जा रहे हैं किसी व्यक्ति में देश प्रेम, देश भक्ति या संस्कार, संस्कृति जैसी कोई भी बात बाकी नहीं रह गई है किसी महान व्यक्ति ने कहा था गरीब आदमी इतनी हिम्मत नहीं कि वह परिवर्तन कर सके और मध्यम वर्गीय परिवार परिवर्तन की सोच भी नहीं सकता और उच्च वर्गीय परिवार को परिवर्तन की कोई आवश्यकता नहीं है ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि वर्तमान में कम उम्र के युवक युवतियां जिस तरह से संस्कार हीन हो रहे हैं और बड़े लोग यानी उनके पालक अपने कर्तव्य से विमुख हो रहे हैं उसे देखते हुए एक अच्छे समाज और देश की कल्पना मात्र काल्पनिक सपने जैसी है, देश प्रेम और संस्कार का दूर-दूर तक ना तो हमारे शिक्षा व्यवस्था में स्थान हैं और ना ही हमारे घरेलू संस्कारों में ऐसा में इसलिए कहता रहा हूं कि पिछले कई दिनों से लगातार समाज के परिवर्तित ढंग को देख कर मैं यह बोल पाया हूं, असल में हम अपने आने वाली पीढ़ी को यह बताने में पूरी तरह से असमर्थ रहेंगे कि हमारा देश क्या है। 
   
    आज का युवा पूरी तरह से पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने में ही अपना वर्चस्व समझता है चाहे लड़का हो या लड़की हमारी संस्कृति और संस्कार को वह पूरी तरह से नकारते हुए और उसे पिछड़ेपन की निशानी मानते हुए जिस तरह से उससे विमुख हो रहे हैं, बहुत जल्द हम अपने संस्कार और संस्कृति का श्मशान खुद अपने हाथों से बनाएंगे, आज हम सब भाषा से लेकर वस्त्र और अपने तौर-तरीके में जब तक पाश्चात्य संस्कृति को शामिल नहीं कर लेते तब तक हमें यही लगता है कि हम बहुत पिछड़े हुए हैं और यह मान लेना कि हम बहुत ज्यादा सभ्य समाज में रहते हैं उसका मानक या मापदंड इस बात से तय किया जाता है कि आप कितना अच्छा अंग्रेजी बोल लेते हैं कपड़े कितने महंगे से महंगे पहन सकते हैं और वाहन कितनी महंगी वाली और रफ्तार से चला सकते हैं आपके खाने में कितने महंगे और विदेशी सामग्री शामिल है इन सब चीजों को कोई और नहीं हम और आप ही समाज में बांट रहे हैं, 
 
      एक भाषा को लेकर अगर मैं कहूं जैसे हिंदी बोलने पर लोग सोचते हैं कि यह वर्तमान समय में जीने लायक नहीं है इसे तो अंगरेजी नहीं आती अब आप सोचिए कि जिस देश में हिंदी को लेकर ऐसी सोच जहां पर उसके बोलने या उससे बातचीत करने पर आप पिछड़ेपन की निशानी को पेश कर रहे हैं, समझ नहीं आता हमारी अग्रणी पीढ़ी का क्या होगा । 
     मैं यह नहीं कहता कि अंग्रेजी भाषा में कोई बुराई है वह सीखना चाहिए परंतु प्राथमिकता हमें अपनी मातृभाषा या राष्ट्रभाषा को देनी चाहिए, बात सिर्फ भाषा की नहीं है, एक और बात आज की युवा पीढ़ी जितना ध्यान अपने पढ़ाई लिखाई पर नहीं देती उससे ज्यादा अपने लिए एक हमसफर, दोस्त या यूं कहें ब्वॉयफ्रेंड एंड गर्लफ्रेंड जैसे शब्दों का उपयोग ज्यादा करना चाहती है अब इसमें गलती किसकी है मुझे समझ में नहीं आता। 

        जहां आज के युवा को अपने माता पिता की बात मानते हुए अपने आने वाले जीवन को संवारने की तैयारी करनी चाहिए वहीं आज के लड़के और लड़कियां पार्क, मॉल और बाइक में लंबी दूरी तय करना ज्यादा पसंद करते हैं और उसे आजादी का नाम देते हैं मैं समझ नहीं पा रहा कि आखिर यह आजादी चाहते क्यों है क्या माता-पिता इस बात पर ध्यान नहीं देते या यूं कहें कि आज के माता-पिता थी उसी परंपरा में अपने आप को परिवर्तित करना चाहते हैं, अगर मैं देखूं तो हमारे मनोरंजन के लिए बनाए जाने वाली फ़िल्में और टीवी पर दिखाई जाने वाली सीरियल और विज्ञापन का बहुत बड़ा योगदान है आज लड़कियों के वस्त्र छोटे से छोटे होते जा रहे हैं, हां एक बात और बता दूं मैं एक बात गौर की छोटी उम्र की लड़कियां अपने आप को जितना बड़ा बनाना चाहती हैं और बड़ी उम्र की औरतें अपने आप को छोटी से छोटी बताने का पूरा प्रयास करती गलत है या सही मैं नहीं जानता नारी समाज को मेरी यह बात गलत लग सकती है उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं परंतु मेरी इस बात में कोई दो मत नहीं है कि हमारा समाज पुरुष प्रधान समाज है और ऐसे में आप मात्र एक पिता और भाई ही आप के लिए सुरक्षित हो सकते हैं अन्य किसी पुरुष से आप अपने आप को सुरक्षित महसूस  नहीं कर सकते, 
     अगर मेरी बात पर यकीन ना आता हो तो किसी भी पुरुष की आंखों को देख लीजिए उनका दृष्टिकोण कैसा होता है एक नारी के शारीरिक बनावट के ऊपर हर पुरुष की निगाह होती है चाहे वह अनपढ़ गवार हो चाहे पढ़ा लिखा हो बस एक बात एक सभ्य और भद्र पुरुष की निगाहें आपको संस्कारी नजर आएंगी और वही एक साक्षर पुरुष परंतु शिक्षित नहीं कि निगाहें आपको हवसी और गंदी नजर आएगी और यह कोई नई बात नहीं है हर कोई इस बात को समझता और जानता है परंतु फिर भी ना जाने क्यों हम अपने आप में कोई भी सुधार करने का आवश्यकता नहीं समझते हमेशा एक ही बात की मैं अकेला क्या कर लूंगा,

           मैं कई दिनों से समाचार पत्रों में छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार की घटना पढ़ पढ़ कर परेशान हो गया हूं और ऐसा नहीं कि उनका बलात्कार करने वाला कोई दूसरा बल्कि उनका अपना ही रिश्तेदार होता है और ऐसा रोज एक खबर आपको अखबारों में मिल जाएगा,  स्मार्टफोन जब से लोगों के हाथ में आया और इंटरनेट में जो गंदगी परोसी गई है उसका यही अंजाम होगा मैं कुछ दिन पहले तक सोचता था कि हमारे पिक्चरों और सीरियलों में दिखाई जाने वाली नग्नता और अभद्रता इसका कारण होगी परंतु सबसे ज्यादा मोबाइल में इंटरनेट के द्वारा दी जाने वाली अश्लीलता भरी वीडियोस ऑल फोटोज शामिल है यह फोटोस और वीडियोस डालता कौन है, और ऐसे कौन से पुरुष है देश की नारियों की नग्नता को खुलेआम प्रदर्शित करते हैं मेरे मन में आता है कि मां और बहन के अलावा नारी के किसी अन्य रिश्ते में वह किसी भी पुरुष से सुरक्षित नहीं रहती होगी कभी ना कभी मां बहन को छोड़कर हर नारी को हवस भरी निगाह से देखता है और इन्हीं बातों को लोग इंटरनेट के माध्यम से लोगों के दिल और दिमाग तक पहुंचाते हैं और धीरे-धीरे यह एक बीमारी की तरह दिमाग में बैठ जाती है इसका शिकार न केवल युवक या पुरुष होते हैं बल्कि युक्तियां एवं महिलाएं भी इसका शिकार हो रही है और इसके लिए मैं यह बोलूं कि सरकार कुछ कर क्यों नहीं रही तो मैं गलत हूं, क्योंकि मुझे पता है की इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी किसी सरकार के कंट्रोल में नहीं आ सकती।
 वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति कंप्यूटर और इंटरनेट के उपयोग से भलीभांति परिचित है सभी लोग जानते हैं कि इसका उपयोग आज किए बिना समाज में कोई भी कार्य नहीं हो सकता हमारा आर्थिक, स्वास्थ्य शिक्षा सभी को कंप्यूटर और इंटरनेट पर निर्भर है, हाथ में लोगों के संचार का माध्यम मोबाइल लोगों को संदेश को लाने ले जाने का कार्य करता था इंटरनेट जब से लोगों के मोबाइल पर आया तो लोग सही और गलत के प्रति अपना ध्यान खो दिए कौन क्या देख रहा है, यार क्या देखता है किसी को कोई मतलब नहीं है अपने मोबाइल में डूबे रहते हैं

 सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में भी भले ही मजाक में बताया जाने वाला बात हो परंतु ऐसी तस्वीरें देखने को मिल जाती है जिसने परिवार का हर सदस्य हाथ में मोबाइल लिया अपने अपने मैं मगन होता है या एक चित्र में यह बताया जाता है कि पहले बच्चे खेलते रहते थे और उन्हें अंदर आने के लिए बार-बार कहना पड़ता था और आग बच्चा हाथ में मोबाइल लिए घर में ही बैठा रहता है बाहर की दुनिया से से कोई मतलब नहीं हां एक बात और लोग यह भी कहते हैं कि फेसबुक पर मेरे 5000 दोस्त हैं जब तकलीफ होती है तो अपना कोई पांच दोस्त भी नहीं मिलता सोशल मीडिया का प्रभाव जितनी तेजी से हुआ है उतना यदि हमारी सामाजिक, संस्कृति का प्रभाव या देश प्रेम का प्रभाव थोड़ा सा भी होता तो हम आज एक विकसित देश की श्रेणी में कब के आ गए होते मेरे स्कूल में एक बार मैंने भाषण प्रतियोगिता हुआ था भारत विकासशील देश है या विकसित! शायद हमारे देश के युवा या यूं कहो पढ़े लिखे बहुत से व्यक्तियों को यह पता ही नहीं होगा कि विकासशील देश और विकसित देश क्या होता है।  भारत एक विकासशील देश है विकसित बनाने का सफल प्रयास 72 सालों से चल रहा है, परंतु हम अभी भी विकसित नहीं हो पाए हैं यह बातें राजनीतिक हो जाएंगी इसलिए मेरा विषय यह नहीं है मेरा विषय मेरा समाज और संस्कृति है मैं किसी भी तरह अपने समाज और संस्कृति को अपने देश हित के लिए बचाना चाहता हूं और इस मुहिम में मैं अजीत सिंह एक कम्युनिटी का निर्माण कर रहा हूं www.gyanamgroup.com/sangi/  जहां में मेरे जैसे विचार रखने वालों को जोड़ना चाहता हूं और जन जन तक यह संदेश पहुंचाना चाहता हूं कि सुविधाओं का उपयोग आप अपनी तरक्की के लिए करें बर्बादी के लिए नहीं अर्थात हमें मिलने वाले कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल का उपयोग हम अपने अच्छे कार्यों के लिए करें ना कि उनका उपयोग अपने समाज देश और परिवार को बर्बाद करने के लिए, बहुत मात्रा में पाया गया है कि पारिवारिक प्रेम और सद्भावना मोबाइल के कारण लगभग बर्बाद हो गई है आज बच्चा पूरी तरह से मोबाइल एडिक्ट हो चुका है और घर की महिलाएं भी इससे सुरक्षित नहीं है. आज का समाज तो कुछ और ही ज्यादा तेज है जो मोबाइल का भरपूर उपयोग स्वयं के मनोरंजन करने के लिए करता रहता है,। 
 इन सब के बीच हमारा पूरा पूरा कार्य इंटरनेट के दायरे में आ गया है हमारी बैंकिंग और हमारी धन राशि का आना जाना सब कुछ इंटरनेट पर निर्भर है और इसके चलते हम और हमारा धन पूरी तरह से असुरक्षित है आए दिन लूट के मामले जिसमें लूटेरा ना तो आपको देखता है नहीं आपके पास आता है सिर्फ आपसे बातें (कॉल) करके और कुछ जानकारी आप से पूछ कर आपके धनराशि को लूट लेता है ऐसा इसलिए हो पाता है क्योंकि हम इंटरनेट का उपयोग करते समय ना तो किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करते हैं और ना ही इंटरनेट और कंप्यूटर के बारे में हमें कुछ समझ में आता है, बहुत से लोगों को मैंने पाया है कि उनके हाथों में बहुत अच्छा स्मार्टफोन होता है परंतु उसके बारे में उनको कोई ज्ञान नहीं होता वह मात्र लोगों को दिखाने या अपना रुतबा दिखाने के लिए अपने हाथ में बड़ा मोबाइल ले लेते हैं अच्छी बात है परंतु जब वह किसी घटना का शिकार होते हैं तो वह उन्हें समझ में नहीं आता कि उनके हाथ में जो मोबाइल है वही अपराध का कारण है,। 
आज समाज में तरक्की के लिए इंटरनेट और कंप्यूटर का उपयोग जितना ही जरूरी हो गया है उतना ही जरूरी उसका सावधानीपूर्वक उपयोग और ध्यान देना जरूरी हो गया परंतु भारत में एक चीज बहुत अच्छी है कि लोग खुद को ज्यादा तेज और होशियार बनाने के चक्कर में बिना किसी प्रशिक्षण के और जानकारी के भी उस वस्तु का उपयोग करते हैं जिसके बारे में उन्हें कोई ज्ञान नहीं होता उदाहरण के लिए वाहन चलाने वाले बालकों को देख लीजिए। 
  जिद करके अपने माता पिता से तेज रफ्तार वाली वाहने खरीद लाते हैं और उन्हें उन सड़कों पर चलाते हैं जहां 40  स्पीड लिमिट ट्रैफिक वाले सिग्नल लगाकर रखते हैं अब उन्हें कौन समझाए की जो वाहन उनको खरीद कर दी गई है उसको चलाने के लिए हमारे देश में सड़के इतनी चौड़ी नहीं है परंतु बेचारे तो टीवी में दिखाए जाने वाले विज्ञापन और अपने दोस्तों के बीच बड़प्पन दिखाने के चक्कर में अपना और दूसरों के जान को खतरे में डाल देते हैं हमारे देश में हर चौक चौराहे पर पुलिस वालों के द्वारा चालान वसूला जाता है वह इसलिए कि लोगों में यह डर रहे और वह ट्रैफिक नियमों का पालन करें परंतु हमारा युवा वर्ग उनसे भी ज्यादा तेज है वह अपनी जान की परवाह किए बिना अलग अलग तरीके अपना लेता है और स्वयं की सुरक्षा का कोई भी उपाय नहीं समझता है इसका मूल कारण यह है कि हमने अपने संस्कार में उन्हें यह सिखाया नहीं कि खुद की नहीं तो दूसरों की जान की तो परवाह करनी चाहिए कमी आखिर किस में है परवरिश करने वालों में, शिक्षकों में, समाज में या स्वयं में यह सोचने का विषय है इसी बात को लेकर मैं पिछले कई दिनों से चिंतित हूं कि आखिर परिवर्तन होगा कैसे और यही मेरा मूल लक्ष्य है कि मेरे देश को अपनी संस्कृति के लिए लड़ना होगा मेरी लड़ाई धार्मिक या किसी मजहबी लड़ाई के लिए नहीं है यह लड़ाई देश के लिए है चाहे वह हिंदू हो मुसलमान और ईसाई हो, जैन हो, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मेरे लिए हर इंसान हिंदुस्तानी है चाहे मुसलमान का बच्चा गलत करता है या हिंदू का बच्चा करता है नुकसान देश का होता है।  
हमारे सेना के जवान देश की सीमाओं पर 24 घंटे अपनी सेवा देते रहते हैं ताकि हम देश में सुकून से जी सके और रह सके लेकिन हम देश के भीतर रहकर ही अपने देश के लिए कुछ नहीं कर पाते, हर व्यक्ति अपने काम में इतना लीन हो जाता है कि देश हित, समाज संस्कृति, उसे नजर नहीं आती, तभी तो विदेशी संचालकों द्वारा संचालित सोशल मीडिया में वे अपने देश का मजाक और अपने धर्म का मजाक बनाते रहते हैं लोगों को यह तक नहीं मालूम है कि वह इंटरनेट पर जिस सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं उसका संचालन हमारे देश से नहीं होता और नहीं उस पर नियंत्रण हमारे देश का है या हमारी देश के कानून का है बहुत से लोगों को तो यह भी नहीं मालूम है कि इंटरनेट पर कोई भी कंटेंट या सामग्री डालने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति या नियम कायदे की कोई आवश्यकता नहीं होती हर व्यक्ति अपने अनुसार कोई भी सामग्री डाल सकता है पिछले कुछ समय से कानून और सरकार इस बात पर ध्यान दे रही है कि कोई भी अनावश्यक संदेश या सामग्री इंटरनेट पर ना  डाली जाए जो कि देश हित में या सामाजिक हित में ना हो परंतु सोशल मीडिया पर उसका नियंत्रण भी असफल नजर आता है क्योंकि इस पर डालने पर विदेशी संचालकों को कोई फर्क नहीं पड़ता और वह उसे हटाने के लिए अपनी इच्छा का उपयोग करते हैं बचपन से ही हमें यह बात सिखाई जाती है कि अनजान लोगों से दूर रहना चाहिए कभी भी ऐसे व्यक्तियों से दोस्ती या बात ना करें जो आपको नहीं जानते, इस संदेश को आज का हर युवा पूरी तरह से भुला चुके हैं वह सोशल मीडिया पर उन सब लोगों से दोस्ती करते हैं जिन्हे नहीं जानते और फिर अपराध की कहानी जहां से शुरू होती है लोग दिन-ब-दिन इसका शिकार होते जाते हैं, जिसमें पहले तो दोस्ती होती है और फिर अपराध आखिर ऐसे दोस्त बनाने की ज़रूरत क्या है जिन्हें आपने नहीं देखा नहीं और जिन्हें आप जानते नहीं मात्र अपने मनोरंजन मात्र के लिए उपयोग किए जाने वाले सोशल मीडिया को हमने अपने जीवन में इस तरह से शामिल कर लिया जैसे उसके बिना हम जी नहीं सकते जनाब यह सोचिए कि एक समय पर हम पेपर में लिखे गए पत्रों से भी अपना काम चलाते थे परंतु तेज और तेज जिंदगी ने हमें इस कदर मुसीबत में डाल दिया कि हम गर्त की ओर जा रहे हैं देश को सामने रखकर मेरी बात को अगर समझा जाए तो हमें जरूरत है शिक्षित होने की परंतु हमारा पूरा समाज केवल साक्षर हो रहा है अब यह भी जानता हूं बहुत से लोगों को यह भी नहीं पता होगा कि साक्षर और शिक्षित में क्या अंतर है तो मैं बताना चाहूंगा कि जैसे किसी चीज को पढ़ लेना और उसे याद कर लेना मात्र साक्षरता की निशानी है परंतु किसी विषय को पढ़ लेना और फिर उसे अपने जीवन में उपयोग करना एक शिक्षित व्यक्ति की निशानी है इसलिए बार बार यह बात कही जाती है कि काबिल बनो यानी आपको कोई काम करना आना चाहिए चाहे आप कितने ही साक्षर क्यों न हो यही समस्या हमारे समाज में बनी हुई है कि पढ़े लिखे लोगों के हाथ में मोबाइल का होना इस बात का प्रमाण नहीं है कि वे उस वस्तु के लिए शिक्षित है या हर घर में लैपटॉप या कंप्यूटर हो जाने का मतलब यह नहीं है कि सभी लोग उसके बारे में सब कुछ जानते हैं क्योंकि हमारे समाज में दिखावा और बड़प्पन बताने का चलन है उसके चलते हम बहुत ज्यादा नुकसान में रहते हैं हमने ऐसे लोगों के हाथ में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पकड़ा दिए जिन्हें यह तक नहीं पता करंट प्लस होता है या माइनस ज्यादा पढ़ाई लिखाई का बात अगर कर दूंगा लोगों को नींद आने लग जाएगी या बोर हो जाएंगे । 
मेरा विषय है कि हमें आखिर करना क्या है मैं अपनी बात शुरू कर रहा हूं और लगातार करता रहूंगा परंतु मैं जानना चाहता हूं कि मेरे जैसे विचार रखने वाले मेरे देश में और है भी या नहीं तो बस आप ज्ञानी कम्युनिटी को ज्वाइन कीजिए www.gyanamgroup.com/sangi/  (यह मेरे द्वारा संचालित किये जाने वाला सोशल नेटवर्क है जिसमे केवल ज्ञान की बातो को स्थान दिया जायेगा) और अपने विचार उस पर पोस्ट कीजिए ज्ञानी कम्युनिटी को ज्वाइन करने के लिए आपको ई-मेल वेरिफिकेशन कराना होगा अब बहुत से लोगों को तो यह नहीं पता कि आखिर ईमेल होता क्या है और इसे ओपन कैसे करते हैं कारण जब स्मार्टफोन लिया जाता है तो कोई एक व्यक्ति जो मोबाइल उन्हें बेचता है वह खुद आईडी बनाता है और उस पर लॉग इन करके दे देता है उपयोगकर्ता को इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं कि उसमें कौन सी आईडी है उसका पासवर्ड क्या है अगर उस आईडी और पासवर्ड को बनाने वाले व्यक्ति के नियत में जरा सा भी खोट आया तो समझ लीजिए कि आप एक अपराध में फंसने वाले हैं और यह होता भी है आए दिन ऐसी घटनाएं हमारे समाज में होती रहती है जिसमें व्यक्ति या कहते हुए थाने में जाता है सर मेरा आईडी है खो गया मेरे नाम से कोई गलत गलत मैसेज सबको भेज रहा है अनाप-शनाप लिख रहा है यह सब बातें सामान्य है ऐसा ही होता है कि लोगों को ईमेल के बारे में नहीं मालूम मैं अब यहां पर ईमेल कैसे बनाते हैं कैसे पढ़ते हैं या नहीं बताऊंगा यह जानने के लिए आप मेरी वेबसाइट www.gyanamgroup.com  open kare फिर मिल जाएगा और मैं आपको बताऊंगा कि आप ई-मेल वेरिफिकेशन कैसे कर सकते हैं और आप मेरी कम्युनिटी से कैसे जुड़ सकते हैं मेरी कम्युनिटी में वही लोग जुड़े जो देश हित के लिए अपना विचार रख सकते हैं मैं ऐसे लोगों को आमंत्रित करना चाहता हूं जो इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी का ज्ञान रखते हैं और लोगों को इसके लिए प्रशिक्षित विचार प्रदान कर सकते हैं जिससे हमारे समाज और संस्कृति में जो यह बात फैल रहा है उस पर नियंत्रण पाया जा सके और हमारे आने वाला समाज हमारी अपनी संस्कृति और देश को बचा सके

मैं कम्युनिटी के माध्यम से लोगों के बीच जनजागृति लाना चाहता हूं ताकि हमारा युवा पीढ़ी सही रास्ते पर चल सके और हमारा समाज नित नए अपराधों से सुरक्षित रह सके बहुत सारे लोग मुझसे साइबर अपराध से बचने के उपाय के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं परंतु मैं अकेला इस कार्य को नहीं कर सकता इसलिए मैं कम्युनिटी के माध्यम से ऐसे लोगों को आमंत्रित करता हूं जो निरंतर नए-नए उपाय हमें समझाते रहेंगे और मैं स्वयं इस कम्युनिटी को हमेशा ऐसी ही जानकारियां या उपाय सुजाता रहूंगा जो देश हित और समाज और संस्कृति के लिए सही साबित होंगे
में मैंने आपके बच्चो एवं आप की सुरक्षा  कुछ टिप्स दिए  है ज्वाइन करे और जाने। 

Ajit Singh
Director
Gyanam Group
+91-8982439509
gyanamtech@gmail.com
www.gyanamgroup.com


GYANI COMMUNITY www.gyanamgroup.com/sangi

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